Published on: 10 मई 2025
Author: Ranvir Prajapati
पहल्गाम आतंकी हमला: आतंक की एक और कायराना हरकत
जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। मंगलवार को बायसारन क्षेत्र में लश्कर-ए-तैयबा के शैडो ग्रुप द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) द्वारा किए गए इस बर्बर हमले में 26 निर्दोष पर्यटक, जिनमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक शामिल थे, की जान गई। इस नृशंस हमले के बाद देशभर में आक्रोश की लहर दौड़ गई और सरकार पर कड़ी कार्रवाई का दबाव बना।
ऑपरेशन सिंदूर: सटीक और निर्णायक जवाब
भारत ने इस आतंकी हमले का बदला लेने में देर नहीं की। 8 मई की रात 1:04 बजे से 1:30 बजे के बीच भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को सर्जिकल स्ट्राइक्स के जरिए निशाना बनाया गया। यह अभियान पूर्ण रूप से योजनाबद्ध था और भारतीय सेना की अभूतपूर्व सटीकता और ताकत का परिचायक बना।
सेना ने दावा किया है कि इन हमलों में कई बड़े आतंकी कमांडर मारे गए, और आतंकवाद की रीढ़ तोड़ दी गई है।
भारत का कड़ा संदेश: यह शुरुआत हमने नहीं की
भारत के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा:
“सीमा पार से हमारे खिलाफ बहुत सारा दुष्प्रचार (disinformation) फैलाया जा रहा है। लोग युद्ध की बात कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि पहलगाम हमला ही असली शुरुआत (escalation) थी। और भारत ने केवल उसका जवाब अपने एक्शन से दिया है, न कि किसी उकसावे से।”
यह बयान पूरी दुनिया को यह बताने के लिए पर्याप्त है कि भारत किसी भी परिस्थिति में आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा, लेकिन युद्ध थोपने का इच्छुक भी नहीं है।
मौजूदा हालात: सीमा पर तनाव, पर भारत अडिग
सीमा क्षेत्रों में तनाव चरम पर है और सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पाकिस्तान की ओर से कूटनीतिक विरोध दर्ज कराया गया है, लेकिन भारत ने साफ किया है कि यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा के लिए जरूरी थी।
भारत ने आतंकी संगठनों के खिलाफ कूटनीतिक मोर्चे पर भी आक्रामक रुख अपनाया है। पाकिस्तान की वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर प्रतिबंध लगाए गए हैं और भारत ने इटली से पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता रोकने की भी मांग की है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: भारत को मिला अभूतपूर्व समर्थन
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संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, जापान, इज़राइल और सऊदी अरब समेत 60 से अधिक देशों ने इस हमले की कड़ी निंदा की और भारत के साथ एकजुटता जताई है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया।
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एशियाई देशों में सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस ने इस हमले की तीखी आलोचना की है। सिंगापुर ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का खुला समर्थन किया है।
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यूरोपीय संघ और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने और राजनयिक समाधान अपनाने की अपील की है।
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मध्य पूर्वी देशों जैसे ईरान, यूएई, बहरीन और कतर ने भी आतंक की कड़ी निंदा की है। कतर के अमीर ने फोन पर प्रधानमंत्री मोदी से बात कर भारत के प्रति समर्थन जताया।
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चीन ने संतुलित रुख अपनाते हुए आतंकवाद की निंदा की, लेकिन पाकिस्तान का नाम लिए बिना संवाद की अपील की।
निष्कर्ष: भारत एकजुट, आतंक के खिलाफ अडिग
'ऑपरेशन सिंदूर' ने दुनिया को दिखा दिया कि भारत अब आतंकवाद पर सख्त और निर्णायक कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा। पहलगाम में मारे गए निर्दोष नागरिकों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। पूरा देश एक स्वर में भारतीय सेना और सरकार के इस साहसिक कदम के साथ खड़ा है।
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