अमेरिका के हमले के बाद ईरान की चेतावनी: स्ट्रेट ऑफ होरमुज़ को बंद करने की योजना, वैश्विक तेल बाजार में हलचल

Ranvir prajapati
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अमेरिका के हमले के बाद ईरान की चेतावनी: स्ट्रेट ऑफ होरमुज़ को बंद करने की योजना, वैश्विक तेल बाजार में हलचल



नई दिल्ली | 22 जून 2025
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच ईरान ने एक बड़ा कदम उठाने की चेतावनी दी है। अमेरिकी हवाई हमले के जवाब में ईरान ने संकेत दिए हैं कि वह दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तेल समुद्री मार्गों में से एक — स्ट्रेट ऑफ होरमुज़ (Strait of Hormuz) — को बंद कर सकता है। इस चेतावनी के बाद अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में उथल-पुथल शुरू हो गई है और ग्लोबल सप्लाई चेन पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं।




स्ट्रेट ऑफ होरमुज़: विश्व ऊर्जा का गला

Strait of Hormuz मध्य-पूर्व और दुनिया के ऊर्जा व्यापार के लिए एक जीवनरेखा है।
यह जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी (Persian Gulf) को अरब सागर (Arabian Sea) और हिंद महासागर (Indian Ocean) से जोड़ता है।


मुख्य तथ्य:

  • यह जलमार्ग सिर्फ 33 किलोमीटर चौड़ा है

  • इसमें जहाजों की आवाजाही के लिए usable passage सिर्फ 3 किमी चौड़ा है

  • यह ईरान के उत्तर में और संयुक्त अरब अमीरात, ओमान व सऊदी अरब के दक्षिण में स्थित है

  • दुनिया की 20% से अधिक कच्चे तेल और गैस की आपूर्ति इसी रूट से होती है


टकराव की जड़: अमेरिका बनाम ईरान

अमेरिका ने हाल ही में ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर B-2 बमवर्षक विमानों से हमला किया, जिसके जवाब में ईरान ने इज़राइल पर खोर्रमशहर-4 मिसाइल से हमला किया और अब दुनिया की ऊर्जा आपूर्ति के सबसे बड़े chokepoint को बंद करने की धमकी दी है।

ईरान का दावा है कि अगर पश्चिमी देश (विशेषकर अमेरिका) अपने रुख में बदलाव नहीं लाते, तो वह Strait of Hormuz को पूरी तरह बंद कर देगा।



वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति पर संकट

Strait of Hormuz के बंद होने से तेल और गैस के ट्रांसपोर्टेशन पर सीधा असर पड़ेगा।

संभावित प्रभाव:

  • कच्चे तेल की कीमतें $80 प्रति बैरल या उससे अधिक हो सकती हैं

  • वैश्विक सप्लाई चेन में रुकावट आएगी

  • चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और भारत जैसे देशों की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित होंगी

  • समुद्री मार्गों की सुरक्षा को लेकर भी खतरा बढ़ेगा

ब्रेंट क्रूड और WTI Crude के दामों में आज ही 3-4% की उछाल दर्ज की गई है।



🇮🇳 भारत पर प्रभाव: चिंता और विकल्प

भारत, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है, प्रतिदिन लगभग 5.5 मिलियन बैरल कच्चा तेल आयात करता है।
इसमें से करीब 2 मिलियन बैरल Strait of Hormuz के रास्ते आता है।

भारत की तैयारी और वैकल्पिक स्रोत:

रूस, ब्राज़ील और अमेरिका से वैकल्पिक तेल आयात शुरू हो चुका है
कतर से आने वाली गैस इस जलमार्ग से होकर नहीं आती
LNG (liquefied natural gas) की सप्लाई ऑस्ट्रेलिया, रूस और अमेरिका से होती है जो इस मार्ग से अप्रभावित रहेगी
अंतरराष्ट्रीय भंडारण (strategic reserves) से अस्थाई राहत मिल सकती है



विशेषज्ञों की राय:

"भारत को short-term price shock झेलना पड़ सकता है, लेकिन long-term में कोई supply crisis नहीं होगा।"
Petroleum Market Analyst, Energy Insights


📈 आर्थिक झटका: केवल भारत नहीं, पूरी दुनिया पर असर

  • एशियाई शेयर बाजार में तेल कंपनियों के शेयरों में तेजी

  • डॉलर के मुकाबले एशियाई मुद्राओं में गिरावट

  • क्रूड ऑयल आधारित उद्योग जैसे एयरलाइंस, परिवहन, फर्टिलाइज़र सेक्टर में लागत बढ़ेगी

  • Inflation (महंगाई दर) पर भी असर होने की संभावना


🕊️ कूटनीतिक हल की उम्मीद

संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय यूनियन ने सभी पक्षों से संयम बरतने और डायलॉग के ज़रिए समाधान निकालने की अपील की है।

इस बीच, अमेरिका ने अपने नौसैनिक बेड़े को पर्शियन खाड़ी में और सक्रिय कर दिया है, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण बन गई है।


🔚 निष्कर्ष: क्या यह विश्व ऊर्जा युद्ध की शुरुआत है?

Strait of Hormuz पर खतरा केवल ईरान और अमेरिका के बीच नहीं, बल्कि यह वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा का सवाल बन चुका है।
यदि यह जलमार्ग बंद होता है, तो इसका असर दुनिया भर के लाखों लोगों की जेब पर पड़ेगा।

भारत को भले ही अभी सप्लाई में संकट ना हो, लेकिन बढ़ते तेल दाम और global instability देश की अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का विषय ज़रूर है।


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